Friday, June 5, 2020

ये तुमसे पूछने के लिए है (This Is to Ask You To) - Rebecca Vedavathy

(विलियम कार्लोस विलियम की कविता 'This is just to say' के जवाब में )

एक कटे हुए पूलम के मन की कल्पना करो या बेहतर उस इंसान की मनोदशा सोचो जिसके पूलम विलियम कार्लोस विलियम्स उस भाग्यशाली सुबह आइसबॉक्स से खा गया. चिड़चिड़ाहट उस लड़की का दूसरा नाम होगा। 'वो लड़की', क्योंकि जब मैं तुम्हारे साथ नाराज होती हूं तो मैं वो लड़की बन जाती हूं। अगली सुबह उठते हुए, मेरे अपने पूलमो को तुमसे हार जाने कि वजह से। वो लड़की मैं हूँ।

फ्रेंच बेकरी की दुकान के पास से गुजरते हुए तैयार होती ब्रेड की खुशबू छोड़कर वो किसानो की मण्डी की ओर गयी होगी, जहां उसने बच्चो के मुँह को लाल रंग से भर देने वाले पूलम ढूंढने थे। सफेद रूमाल रात के आसमान में गहरा हो रहा होगा। वो हंसमुख फल विक्रेता द्वारा उसे दिए गए फल को चखने लगी होगी। उसकी लालसा की ठुड्डी पर मिठास फ़ैल रही होगी। घर पहुंचने पर, उसने पूलम के गुच्छों को आइसबॉक्स में भर दिया होगा।

जैसे एक मछली पकड़ने का हुक -
उसकी सांस रोक रक्खा होगा
आने कल के लिए

अगली सुबह, आँखों में चमक लिए, विलियम्स वो पूलम खा गया। उसके बदखत लिखते हुए हाथ उसे नहीं जगा पाए। जब उस लड़की की आखें खुलीं, तो उसके सामने एक कविता थी - इतनी छोटी और इतनी चालाक। 

उसकी घिसती
अंदरूनी जांघों की
उभरती आवाजें

पर तुम मुझे एक कविता नहीं छोड़ते हो, बल्कि किसी भीड़ भरे बाज़ार में, तुम खुद एक कविता हो जो सीढ़ियों की उड़ान भर रही है, अनजाने में, तुम्हारा चेहरा मेरी कविता के छंदो के दृश्यों में कहीं अटक गया है। एक पल के लिए हमारी आँखें -  उन बिन्दुओं सी हो जाती हैं जो हमारे राज में भीगे हुए पूलम के भूरे डंठलों को जोड़ रहे हों। बाद में, फल विक्रेता के पीछे गली में, हमारे होंठों का मुहाना मिल जाता है। पूलम भूले हुए, पूलम चुराये हुए, पूलम मीठे से, पूलम भरे उभरते से ...

~ Rebecca Vedavathy is an Indian poet from Bangalore. She is one of the rising star in Indian poetry. Here is the original English version of the poem.

1 comment:

  1. This is fantastic. Translation without losing the real essence of the original poem

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