Monday, June 8, 2020

मैं कभी पीछे नहीं हटूंगी - Meena Keshwar Kamal - I'll never return - Hindi Translation


मैं वो औरत हूँ जो जाग उठी है
मैं अपने जलाये गए बच्चो की राख से जागी हूँ और एक तूफ़ान बनी हूँ
मैं अपने भाई के खून की बहती धारा से जागी हूँ
मेरे देश के आक्रोश ने मुझे शक्ती दी है
मेरे तबाह और जला दिए गए गाँवों ने मुझे दुश्मन की नफरत से भर दिया है
मैं वो औरत हूँ जो जाग उठी है
मैंने अपना रास्ता खोज लिया है और मैं कभी पीछे नहीं हटूंगी।
मैंने अज्ञानता के बंद दरवाजे खोल दिए हैं
मैंने सोने के कंगनों को अलविदा कह दिया है
मेरे देशवाशियो, मैं अब वो नहीं हूँ जो मैं हुआ करती थी
मैं वो औरत हूँ जो जाग उठी है
मैंने अपना रास्ता खोज लिया है और मैं कभी पीछे नहीं हटूंगी।
मैंने नंगे भटकते बेघर बच्चो को देखा है
मैंने मेहँदी लगे हाथो वाली दुल्हनों को मातमी पहरन में रोते देखा है
मैंने जेलों की ऊँची दीवारो को अपने मरभुक्खे पेट से आजादी को निगलते देखा है
स्वतंत्रता और बहादुरी की कविताओं के बीच अब मेरा पुनर्जन्म हुआ है
खून और विजय की लहरों के बीच
मैंने आज़ादी के गीत को अपनी आखिरी सांस तक के लिए सीख लिया है
मेरे देशवासियों, मेरे भाइयों, मुझे अब कमज़ोर और असमर्थ ना समझना
मैं अब अपनी पूरी ताकत के साथ अपनी जमीं की स्वतंत्रता के लिए तुम्हारे साथ हूँ
मेरी आवाज अब हज़ारो जाग चुकी औरतों के साथ घुल चुकी है
मेरी मुट्ठियाँ अपने हज़ारो देशवासियों की मुट्ठियो के साथ तन चुकी है
तमाम मुसीबतों की, तमाम गुलामी की बेड़ियों को तोड़ डालने के लिए
तुम्हारे साथ मैंने अपनी जमीं की आज़ादी के लिए कूच कर लिया है
मेरे देशवासियों, मेरे भाईयों, मैं अब वो नहीं हूँ जो मैं हुआ करती थी
मैं वो औरत हूँ जो जाग उठी है
मैंने अपना रास्ता खोज लिया है और मैं कभी पीछे नहीं हटूंगी।

Meena Keshwar Kamal (1956-1987) was born on February 27, 1956 in Kabul, Afghanistan. She was a fierce poet and revolutionary political activist, feminist, women's rights activist. During her school days, students in Kabul and other Afghan cities were deeply engaged in social activism and rising mass movements. She devoted her life as a social activist for organizing and educating women. Later she founded the Revolutionary Association of the Women of Afghanistan (RAWA).

Translated from English version:  I will never return . Originally written
in Persian.

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